जागता हूँ

कुछ लोग मुझे कहते है.... 




आधी -आधी रात तक मुझे नींद नहीं आती.... 
सारी -सारी रात मुझे जागने की आदत सी हो गई है.....  
किसी के बारे मे सोचने की मुझे आदत सी हो गई है.... 
खुद को अंधेरे मे खोने की मुझे आदत सी हो गई है ......
कुछ लोग कहते है अंधेरे मे शैतान जागते है..  
तो क्या में शैतान हो गया....
माना रात-रातभर में जागता हूँ 
खुद को हर रात में तन्हा करता हूँ 
हर रोज अपने शब्दो मे खून मैं बहाता हूँ 
तो क्या में शैतान हो गया....
रोता नहीं.....हँस्ता नहीं.....किसी को अपना दुख बताता नहीं.....
तो क्या मैं feelingless हो गया......


BY:-MOHIT K SINGH 

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