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Showing posts from December, 2020

कुछ तो है

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कुछ तो है जो हर खामोशी कुछ ख़ास सिखा जाती है लोग रोते हैं और ज़िंदगी हसकर चली जाती है लोग ज़िंदगी को समझने के चक्कर मे जीना भूल जाते है ऐसे ही कुछ लोगों को लड़की मे सिर्फ जिस्म दिखाईं देता है कुछ नज़रों का भी कसूर है कुछ मन कि है गंदी सोच जो अपनी बहन देवी और दूसरों की माल नज़र आती है ऐसी ही कुछ बातें दिल को झंझोड़ देती है हसने की तो बात दूर..... रोने तलक (तक)ना देती है इसलिए तू समझ-ऐं- इंसां ना हर लड़की माल होती है ये तो जहां मे ईश्वर होती है जो तुझे जमीं से जन्नत तलक ले जाती है कोई मां तो कोई बहू कोई बहन बनकर दिखलाती है फिर भी वो बहुत कुछ सुनकर चुप हो जाती है ऐसे ही थोड़ी ना खामोशी कुछ खास सिखाती है पर कुछ लोग तो आज भी ऐसे है जो समझते सबकुछ है  पर कुछ न ये लोग बोलते है इसलिए "मोहित" तू चुप ना रह क्योंकि तूने कुछ बोला नहीं तो तू ग़लत होता चला जाएगा कुछ लोगों के सामने चुप रहकर तो तू सवालों से बच जाएगा पर फिर कैसे तू उस खुदा की अदालत मे खुद को बचा पाएगा BY:-MOHIT K SINGH

प्यार तो तुम रहने ही दो

🤞🤞🙏🙏 तन्हाई का मंज़र भी क्या खूब रहा है मैं रोता रहा और वो मुझे ऐसा देख हस्ता रहा है के कमी मुझमें बहुत है मुझे हमेशा से ये मंज़ूर रहा है पर तुम भी क्या हर जगह सही रही हो?? जैसे हर इंसान  खुशनसीब नहीं होता.. वैसे ही तो हर इंसान गलत भी तो नहीं होता... अपनी जगह तुम सही हो.. पर मैं अपनी जगह गलत भी तो नहीं... तुम्हारी नज़र मे मैं गलत हूं..... अब मुझे गलत ही रहने दो... तुम कहते हो तुमसे मैं प्यार नहीं करता...... तुम यहीं सोचती हो तो सोचती रहो... मैं प्यार कितना करता हूं मुझपे ही रहने दो..... बस अब एक ही बात बाकी है बोलनी तुमसे.... तुमसे सबकुछ  हो सकता है लेकिन अब प्यार........ तो तुम रहने ही दो......... BY:- MOHIT K SINGH

तो शायद मैं आज ऐसा ना होता

 मैंने खुद को खुद से नज़रे चुराते देखा है खुद को खुद से नाराज़ होते देखा है तन्हाई में खुद को रोते देखा है लोगों को धोखा देते देखा है और अपनों से धोखा खाकर देखा है  दूसरों को पाने कि चाह में मैंने खुद को खोकर देखा है रोया मै भी बहुत हूं तन्हाई में  भरी महफ़िल में दूसरों के सामने खुद को मुस्कुराते देखा है तन्हाई मुझे बहुत पसंद हैं ऐसा कहकर तन्हाई में खुद को रोते बहुत देखा है रोने मे सच मे बहुत मज़ा आता है खुद को खुद से मिलने क मौका मिल जाता है प्यार ऐसा ही होता तो कितना अच्छा होता ना कोई किसी को धोखा देता ना कोई किसी के लिए रोता ना कोई दुखी होता और जैसा मैं आज हूं तो शायद मैं आज ऐसा ना होता होती कुछ कमी....... पर ना बर्बाद मैं होता.... तो शायद मैं आज ऐसा ना होता होता मैं कुछ अलग पर..... ना इतना गलत ना होता...... BY:-MOHIT K SINGH