काश
अगर शराब भी वफादार होती तो क्या बात होती ना दिल किसी का टूटता ना मोहोब्बत बदनाम यू होती साथ उसका होता और हसीं ये रात होती नशा दिमाग का ना होकर..दिल का होता तो क्या बात होती फिर नशा शराब का.... शायद कुछ कम होता फिर बेवफ़ा न दुनिया ज़िज्मों को कहता तो क्या बात होती हवस ज़िज्म की ना होती तो क्या बात होती काश शराब भी वफादार होती तो क्या बात होती ना दिल किसी का टूटता ना म मोहोब्बत बदनाम यू होती काश शराब भी वफ़ादार होती तो क्या बात होती ज़िन्दगी हँसी के साथ गुज़र जाती ना गम का साया इसे छू पाता तो क्या बात होती और शायद ना फ़िर कोई तन्हाई मे यू किसी की यादों मे रोता काश शराब भी वफादार होती तो क्या बात होती ना दिल किसी का टूटता ना यू मोहोब्बत बदनाम होती BY:-MOHIT K SINGH